Thursday, December 31, 2009

कुदरत ,नव वर्ष २०१०

आज की पंक्तियाँ हैं -
कुदरत की नहीं कोई मिसाल ,
सृष्टि में भरे हैं रंग बेमिसाल।
प्रकृति रंगीन फूलों से करती श्रंगार ,
फूलों की खुशबू महकाती बहार।
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नववर्ष २०१०
नववर्ष पर लग रहा थोड़ा ' चन्द्र ग्रहण '
प्रतीक है जीवन के संघर्षों का करें हरण।
नव ऊर्जा नव विश्वास का करें उदय ,
टूटे रिश्तों को जोड़े फिर से ह्र्दय ।
नव- नव मन कर बनाये नव मन ,
स्वस्थ -सबल रहेगा फिर मन -तन ।
द्वेष -भेद भाव, घृणा का करें त्याग ,
पिछली बुराइयों का करें मन परित्याग ।
करें संकल्प हम सब जन आज ,
प्रेम -मैत्री -शांति से करें अनुराग ।
संस्कारित करे ' मंजू ' मन की वेदी ,
न होगा जग में मानव का मानव वैरी .



'

Tuesday, December 29, 2009

गुरु जी का आभार

आदरणीय गुरु जी ,
सादर नमस्ते ।
शुभकामना हैं गुरुजी ,नवागंतुक नवसाल ।
दे दोहा गाथा ज्ञान , नतमस्तक हुई साँस ॥
सभी को आगांतु "नववर्ष २०१० " की हार्दिक शुभ कामनाएं
प्रेम -शांति के साथ-
मंजू गुप्ता

Monday, December 28, 2009

बैलगाड़ी की सवारी

शहरों में सफर पेट्रोल वाहन चालित ही होते हैं । जिससे विषैली गैसों का उत्सर्जन होता है । आज पूरा जग ग्लोबलवार्मिंग की चपेट में है । कोपनहैगन में विकसित-विकासशील देशों की ग्रीन गैस उत्सर्जन के मुद्दे पर बैठक राजनीति के कारण विफल हो गयी । भविष्य को हम क्या देगें ?समस्या सोचनीय है । सामाजिक दृष्टिकोण से सोचा होता तो कुछ हल भी निकलता .

आज इसी समस्या का थोड़ा हल नजर आया ,जब मैं वाशी के सब्जी बाजार से तरबूजों से भरी बैलगाडी में बैठ कर घर आई .जो मैने कभी सोचा भी नही था कि५५ वर्ष में अचानक बैलगाडी की सवारी करूंगी .इसी तरह कीगाँव में सवारी मैंने बचपन में दस साल की आयु में की थी ,तब से ज्यादा मजा आज लगा । अनुभव अविस्मरणीय लगा । किस तरह बैलगाडी का चालक अंसारी ट्रेफिक सिगनल पर बैलों को छड़ी से हांकता हुआ पार करके मेरे निवास स्थान पर लाया ।धीमी -धीमी चाल में हिचकोले खाते हुए बैल अपने मालिक अंसारी के इशारों का आज्ञा पालक की तरह चले जा रहे थे ।
उससे मैंने दो तरबूज खरीदे थे ।इसलिए उससे मित्रता का रिश्ता जुड़ -सा गया था । तरबूजों का वजन ज्यादा हो गया था । मुझे से उठाये नहीं जा रहे थे । वह बोला , " आप कहाँ रहते हैं ?" मैंने उसे अपना पता बताया । उसने कहा-"मैं उसी तरफ जा रहा हूँ । आप को छोड़ दूंगा . " मेरे चेहरे पर मुस्कान की लहर अवतरित हुई .
मुझे भी उसका प्रस्ताव मनपंसद लगा । मैंने उसे हाँ कह दिया । क्योंकि मुझे बैलगाडी का लुत्फ़ लेना था । सफर में बैलों के गले की घंटी का टून -टून का मधुर संगीत कर्ण प्रिय लग रहा था ।
पेट्रोल चालित वाहनों की तुलना में इसकी गति कम थी । लेकिन इससे पर्यावरण को प्रदूषण का खतरा नहीं है । क्यों ना बैलगाड़ी ,सायकिल जैसी कार्बनडाई आक्साइड उत्सर्जन रहित वाहनों का प्रयोग करें .
ग्लोबलवार्मिंग को कम करने के लिए सकारात्मक कदम साबित होगा ।

Sunday, December 27, 2009

२००९ की विदाई

२०० ९ सूर्य अस्त की तरह धीरे -धीरे अस्त हो रहा है .सूर्योदय की तरह २०१०कि नई सुबह प्राची की लाली की तरह झिलमिलाती हुयी आने वाली है .सब के जीवन अरुणोदय की लाली छा जाए ।

नव वर्ष ' २०१० ' का जग के सारे देश अपने दिल के द्वेष -भेद -भाव को मिटा कर जग हित की सोच से स्वागत करे तो 'सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय ' का जग बन सकता है ,नहीं तो इसके विपरीत आतंक -युद्ध ,ग्लोबल वार्मिंग अन्य नई -नई समस्याओं से घिरा ग्रहण की तरह जग होगा ।

भलाई इसी में है कि मानव मानवता धर्म को अपनाए । जिससे खुद का भला और जग का भला कर सकेगा ।

जग को मानवीयता -शांति -प्रेम कि शुभ कामनाओं के साथ -

मंजू 'भारतीय '

वाशी ,नवी मुंबई ।

दस्तक

२७.१२.२००९
आज का शेर -
दरे दिल पर दस्तक की पहले जैसी कशिश न रही ,
क्या वे दिन थे साकी ! आज वे दिन न रहे ।

Saturday, December 26, 2009

२१ दिसम्बर २००९ जन्म दिन

२१. १२ .2009 , वाशी ,नवी मुंबई ।
सुबह पाँच बजे उठ गई । ईश का ,माता -पिता का स्मरण कर माँ धरा को छू कर प्रणाम किया .नहाकर योग कर स्कूल की पार्टी के लिए समोसा बनाकर नाश्ते को पैक किया और भगवान को भोग लगाया .इन सब तैयारी के साथ स्कूल बस भी ८ बजे आ गयी ।
बस में बैठते ही सारे बच्चों ने" हैप्पी बर्थ डे "के मधुर गीत से जन्म दिन का जश्न मनाया । फूलों ,उपहारों को दिया । मैने सभी बच्चों को , बस चालक को नाश्ता ,टॉफी दी । हार्दिक शुभकामनाओं का दौर स्कूल पहुंचते ही शिखर पर पहुंच गया । हर बच्चे ने हाथ मिला कर शुभ कामना दीं ।
प्रार्थना सभा में प्रधानाचार्या जी ने शुभकामना दे कर जन्म दिन मनाया । विद्यार्थियों ने करतल ध्वनी के द्वारा स्वस्थ और दीर्घ जीवन की कामना की । ऐसे सुंदर परिवेश में चेहरा प्राची की किरणों -सा दीप्तिमान हो रहाथा।
जीवन के ५५ साल वसंत की तरह पल्लवित ,पुष्पित हो कर विभिन्न आयामों को महका रहे थे ।
सभी अध्यापकों की मंगल कामना जीवन को स्वस्थ -समृधी दे रहीं थीं .ये बहारें ख़ुशी को दुगना कर रही थी ।
मध्यांतर में खुद का बनाया नाश्ता जैसे समोसा ,मठरी , पेड़ा और बिस्कुट -चाय का सभी स्टाफ ने भूरी -भूरी प्रशंसा के साथ खाने का आनंद लिया । मैडम सिन्हा ने बुके देकर आशीर्वाद दिया ,स्टाफ ने कांच का गुलदस्ता और फूलों का उपहार दिया ।
सब की दुआएं मेरे जीवन को संजीवनी दे रही थीं . अपने जीवन के मैं अविस्मरनीय दिन को नहीं भुला पाउंगी
अपने परिजनों ,बेटियों -श्रीमान की शुभकामनाओं की अनंताओं ने मेरी खुशियों को अनंता दे दी ।



मेर्री क्रिसमस

दिनांक २४.१२.२००९ ,सानपाड़ा ,नवी मुंबई ।
जयपुरिआर स्कूल में बच्चों द्वारा क्रिसमस का महापर्व मनाया गया .एक एकांकी के द्वारा यीशु के जन्म को दर्शाया गया , कैरल्स गाए गये .अंत में संताक्लोज ने उपहार बांटे .सब की पार्टी के बाद स्कूल की छुट्टी हो गयी .

Thursday, December 17, 2009

आज का शेर है -

उनकी लगावट से सासें चल रहीं ,

नहीं तो हम कब के मर गए होते .

Sunday, December 6, 2009

काव्यमय शाम

दिनांक -५.१२.२००९
अणूशक्तिनगर , शबरीगिरी । विपुल लखनवी के सबरस के संयोजन से शाम ६ बजे मनोज श्रीवास्तव के सम्मान में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ । जिसमे अविनाश वाचस्पति (दिल्ली ),मनोज (लखनऊ )चड्डा .चतुर्वेदी ,मंजू गुप्ता ,शकुन्तला ,अलका पांडे,कुलवंत सिंह ,नंदलाल ,अविनाश ,आदि ने अपनी कविताओं से सबको सराबोर किया ।
कुमार जैन ने संचालन किया था । अध्यक्ष विपुल थे .