skip to main
|
skip to sidebar
manju
Wednesday, January 13, 2010
पयाम -आज का शेर
कभी हवाओं से ,कभी मेघदुतों से वियोग का पयाम भेजा है ,
बेखबर रूखे महबूब ! रुसवाई की भनक भी हुई क्या ?
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Followers
Blog Archive
▼
2010
(7)
▼
January
(7)
फरियाद
सूरत
पयाम -आज का शेर
आज का शेर गिला
शरारत
प्रकाश उत्सव का नगर कीर्तन
नव वर्ष पर सुनीता का स्वागत
►
2009
(10)
►
December
(10)
About Me
Manju Gupta
View my complete profile
No comments:
Post a Comment